shiv chalisa lyrics bhakti bharat Can Be Fun For Anyone
shiv chalisa lyrics bhakti bharat Can Be Fun For Anyone
Blog Article
अर्थ- हे गिरिजा पुत्र भगवान श्री गणेश आपकी जय हो। आप मंगलकारी हैं, विद्वता के दाता हैं, अयोध्यादास की प्रार्थना है प्रभु कि आप ऐसा वरदान दें जिससे सारे भय समाप्त हो जांए।
प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला । जरे सुरासुर भये विहाला ॥
अर्थ- त्रयोदशी (चंद्रमास का तेरहवां दिन त्रयोदशी कहलाता है, हर चंद्रमास में दो त्रयोदशी आती हैं, एक कृष्ण पक्ष में व एक शुक्ल पक्ष में) को पंडित बुलाकर हवन करवाने, ध्यान करने और व्रत रखने से किसी भी प्रकार का कष्ट नहीं रहता।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव…॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥
सब पर राम तपस्वी राजा। तिन के काज सकल तुम साजा।।
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर। जय कपीस तिहुं लोक उजागर।।
कहा जाता है कि भगवान शिव की पूजा जितनी की जाए उतनी ही कम है भगवान शिव की कृपा भी सबसे अधिक मानी जाती है क्योंकि जो व्यक्ति शिव भगवान की check here पूजा करता है और भगवान शिव अगर उस पर प्रसन्न होते हैं तो उस पर सदैव अपनी कृपा बनाए रखते हैं तथा उनकी प्रत्येक मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।
नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै। भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै॥
अर्थ- हे स्वामी, इस विनाशकारी स्थिति से मुझे उभार लो यही उचित अवसर। अर्थात जब मैं इस समय आपकी शरण में हूं, मुझे अपनी भक्ति में लीन कर मुझे मोहमाया से मुक्ति दिलाओ, सांसारिक कष्टों से उभारों। अपने त्रिशुल से इन तमाम दुष्टों का नाश कर दो। हे भोलेनाथ, आकर मुझे इन कष्टों से मुक्ति दिलाओ।
त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा॥